अखिल झारखण्ड प्राथमिक शिक्षक संघ के राज्य कमिटी के निर्णय के अनुसार आज दिनांक 26/06/2010 को संघ की जामताड़ा इकाई ने उपायुक्त कार्यालय के समक्ष धरना का आयोजन किया। धरना का कार्यक्रम दोपहर १२ बजे से ३ बजे तक रखा गया था। धरने का आयोजन विद्यालय में कार्य करते हुए शिक्षकों को जनगणना के कार्य में लगाये जाने के आदेश के विरोध में किया गया था। धरने के कार्यक्रम के अंत में महामहिम राज्यपाल, झारखण्ड सरकार को उपायुक्त के माध्यम से विषयगत ज्ञापन प्रेषित किया गया। जामताड़ा जिले के ही करमाटार प्रखंड में जनगणना सम्बन्धी समीक्षात्मक बैठक एवं जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय में एनपीजीएल सम्बन्धी बैठक के कारण शिक्षकों की धरने के प्रारंभ में उपस्थिति थोड़ी कम थी परन्तु समय के साथ उपस्थिति बढती गयी।
इस धरने के उपरांत राज्यपाल को दिए गए ज्ञापन में तीन बिन्दुओं पर ध्यान आकृष्ट कराते हुए महामहिम से समस्या के समाधान की मांग की गयी-
१- कई शिक्षकों को आवंटित जनगणना ब्लाक विद्यालयों से १० किमी से भी अधिक दूरी पर स्थित है ऐसी स्थिति में विद्यालय कर जनगणना का कर पाना अत्यंत कठिन हो जाता है।
२- १ जुलाई से विद्यालयों की कार्यावधि १० से ४ बजे तक हो जानी है ऐसे में जनगणना का कार्य किस प्रकार किया जा सकेगा?
३- जनगणना अधिनियम १९४८ के प्रावधान १५'क' के अनुसार जनगणना के सन्दर्भ में किसी कर्मचारी के द्वारा किया गया कार्य उसके उधारदाता नियोक्ता के अधीन कर्त्तव्य माना जाएगा ऐसे में शिक्षकों से एक ही समय में दो-दो कार्य लिए जा रहे हैं।
इन 'कार्य-द्वय' की स्थिति से शिक्षकों के समक्ष आने वाली कठिनाइयों को राज्यपाल महोदय के समक्ष ज्ञापन के माध्यम से रखा गया है तथा उनसे शिक्षकों की समस्या को दूर करने की प्रार्थना की गयी है।
संघ की राज्य कमिटी के निर्णय के अनुरूप यह धरना एवं राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित करने का यह कार्यक्रम राज्य के सभी जिलों में चलाया गया है।
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