अखिल झारखण्ड प्राथमिक शिक्षक संघ
निवंधन संख्या 59/2001-02
सम्बद्धता :अखिल भारतीय प्रारंभिक शिक्षक संघ
एक दिवसीय स्थापना सह सेमिनार: 29 अक्तूबर, पलामू
"ग्रामीण परिवेश में प्राथमिक शिक्षा "
आमंत्रण सह अपील
शिक्षक साथियों,प्राथमिक शिक्षा किसी भी समाज, राज्य और राष्ट्र के विकास की बुनियाद है। विकास की इस बुनियाद को मजबूती प्रदान करने का दायित्व हम शिक्षकों पर है और समाज की अपेक्षाओं तथा शिक्षा की आवश्यकताओं के अनुरूप व्यवस्था मुहैया कराने की जिम्मेवारी शिक्षा विभाग की है। राज्य के स्कूली बच्चों में से 70 प्रतिशत बच्चे सरकारी स्कूलों में शिक्षा पाते हैं, लेकिन शिक्षा का वह स्तर सरकारी स्कुल के बच्चों को नहीं मिल पा रहा है जो आधुनिक शिक्षा के लिए आवश्यक है। गरीब व अभिवंचित वर्ग को शिक्षा के अस्त्र से संबल बनाने की चर्चाएँ तो होती हैं लेकिन इस को धार के लिए आवश्यक संसाधनों की कमी से लक्ष्य की शत प्रतिशत सफलता हासिल करने में कठिनाई हो है।
अखिल झारखण्ड प्राथमिक शिक्षक संघ अपने स्थापना काल से लगातार इस विषय पर सर्कार और समाज का ध्यान आक्रिस्ट करता रहा है। पुनः इस सेमिनार के माध्यम से हम शिक्षकों, अभिभाभाकों तथा सरकार की उपश्थिति में एक सकारात्मक तथा गंभीर मंथन कर शिक्षा जगत के हाथों में अमृत का प्याला थमाने का प्रयास करना चाहते हैं। इस सेमिनार के माध्यम से हम कठिन डगर पे चलते हुए सफलता की संभावनाओं को तलाशने का प्रयाश करेंगे। इस सफ़र में शिक्षकों की कठिनाई के साथ साथ विद्यालयों में संसाधनों की कमी को भी ढूंढेंगे।
संघ की हमेशा सोंच रही है की अधिअर और कर्त्तव्य के लिए साझा प्रयास समाज को एक सही दिशा प्रदान कर सकता है, और शिक्षकों की गरिमा को अक्षुण बनाये रखना व्यवस्था की जिम्मेवारी है।
इन्ही बातों को मद्द्येनजर रखते हुए "शिक्षा दर्पण" नमक एक पत्रिका का विमोचन भी इस अवसर पर किया जायेगा, जिसके माध्यम से हम आपकी पीड़ा के साथ साथ शिक्षा की संवेदनाओं को समाज व सरकार के समक्ष रखने की कोशिश करेंगे।
आइये इस सेमीनार में शामिल होकर अपना और संघ की गरिमा को आगे बढ़ाएं तथा इस्मसे से प्राप्त अमृत कलश का लाभ अपने छात्रों तक पहुंचकर सबल राष्ट्र निर्माण के अपने संकल्प को पूरा करें।
निवेदक
अखिल झारखण्ड प्राथमिक शिक्षक संघ
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