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Thursday 17 February, 2011

विपरीत परिष्टितियो में कैसे सफल होगा राइट टू एजुकेशन

राज्य में प्राथमिक शिक्षक सिस्टम की खामियों से जूझते हुए राइट टू एजुकेशन की सफलता की कामना कर रहे हैं। लगभग १००००० शिक्षकों की कमी क्र वाबजूद , विद्यालयों में मुलभुत सुबिधाओं के अभाव में भी हम सैट प्रतिशत नामांकन एवं ठहराव तथा क्वालिटी एजुकेशनन देने के लिए प्रयत्नशील हैं। मध्याहन भोजन एवं भवन निर्माण ने पुरे शिक्षा विभाग की क्षवी को धूमिल किया है । राज्य में शिक्षको को समय पर वेतन भी नहीं मिलता है, यदि हम नहीं मांगे तो प्रोनात्ति भी शायद नहीं मिलेगी। सरकार को चाहिए की सेवानिवृति उम्र सीमा बढा कर ६५ वर्ष करे ताकि शिक्षको के वर्तमान संख्या में कमी न हो। हर माह के पाँच तारीख तक वेतन भुगतान की गारंटी होनी चाहिए। संघ ग्रेड १ सहित सभी बिन्दुवो पर प्रयास जरी रखेगा।

इसके बाबजूद भी हमें अपने सर्वोच्च उर्जा का प्रयोग करते हुवे विद्यालयों में पठान पाठन की दशा में सुधार लाते हुवे अपने सामाजिक व सरकारी दायित्वों का निर्वाह करते हुवे अपने बारे में किये जा रहे दुष्प्रचारो का करारा जवाब देना चाहिए ।

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